Wednesday 15 April 2015

अभी तक.............


अटकले लगा रहे हो अभी तक
समझे नही क्या अभी तक
फिर वही भ्रम को फैलाना चाहते हो
क्या कुछ भूले नही हो अभी तक

तेरी विचलित सी बातें भ्रांति के अलावा कुछ भी नही
सवालो के जवाब शायद नही मिले हैं तुम्हे
फिर यहीं  पर वापस चले आये
क्या तुम्हे जवाब की उम्मीद है अभी तक

अवसाद की स्थिति से समझौता सा  कर लिया है तुमने
क्योंकर तुम अपने से भी न लड़ सके
ढक लिया है तुमने अपने को इन इच्छाओ से
लेकिन क्या तुम्हे वो अधिकार है अभी तक